वृन्दावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज अपने दिव्य विचारों से लोगों को प्रेरित करते हैं, और उनके प्रवचनों को सुनने के लिए भक्त दूर-दूर से आश्रम आते हैं।

हाल ही में प्रसिद्ध भजन गायिका जाया किशोरी प्रेमानंद जी महाराज के दर्शन के लिए उनके आश्रम पहुंची, जहां उन्होंने भगवान के चरणों में प्रणाम कर महाराज का आशीर्वाद लिया।

जाया किशोरी को देखकर महाराज जी मुस्कुराए और बोले, "भगवान का नाम जपें और उनका ध्यान करें, यह हर जीव का अधिकार है।"

महाराज जी ने श्री भगवद्गीता के श्लोक का उल्लेख करते हुए कहा "मत -चिता  मद्गत प्राणा बोधयन्तः परस्परम कथयन्तश्य मां नित्यं तुष्यन्ति च रमन्ति च।"

अर्थात जो भक्त भगवन का चिंतन करता है,अपने प्राण भगवन को अर्पित कर देता है और भगवन की ही चर्चा करता रहता है,उसी को सच्चा सुख प्राप्त होता है।

महाराज जी ने कहा कि भगवान ऐसे भक्तों को 'बुद्धि योग' देते हैं, जहां मन और चित भगवान में रमते हैं। समाज को अध्यात्म की ओर बढ़ाना और पाप से दूर रहना हम सभी का कर्तव्य है।

प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि हम सभी भगवान के बच्चे हैं और उनका गुणगान करना हमारा फर्ज है। यदि भक्त, चाहे वह स्त्री हो या पुरुष, कपट त्यागकर भक्ति करें, तो वह भगवान के परम प्रिय होते हैं।

मीरा , रत्नावली ,भागमती ,कर्माबाई जैसी महँ भक्तों ने भी स्त्री शरीर में भक्ति की ऊँचाइयाँ छुईं। " अंत में उन्होंने जाया किशोरी से कहा "खूब नाम जप करो और दूसरों से भी कराओ ,यही सबसे श्रेष्ठ सेवा है। "