अर्थात जो भक्त भगवन का चिंतन करता है,अपने प्राण भगवन को अर्पित कर देता है और भगवन की ही चर्चा करता रहता है,उसी को सच्चा सुख प्राप्त होता है।
अर्थात जो भक्त भगवन का चिंतन करता है,अपने प्राण भगवन को अर्पित कर देता है और भगवन की ही चर्चा करता रहता है,उसी को सच्चा सुख प्राप्त होता है।