UIDAI ने मृतक व्यक्तियों के आधार को निष्क्रिय करना शुरू किया है। जानिए कैसे परिवार के सदस्य “Reporting of Death of a Family Member” सेवा के तहत मृतक का आधार निष्क्रिय करा सकते हैं। UIDAI की प्रक्रिया और महत्वपूर्ण जानकारी पढ़ें।
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UIDAI ने मृतक व्यक्तियों के आधार को किया निष्क्रिय
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने मृतक व्यक्तियों के आधार नंबरों को निष्क्रिय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, ताकि इनकी पहचान का दुरुपयोग रोका जा सके। अब तक, UIDAI ने 1.17 करोड़ आधार संख्या को निष्क्रिय कर दिया है। इस कदम से न केवल पहचान की चोरी को रोका जाएगा, बल्कि यह प्रक्रिया हर नागरिक की सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
UIDAI द्वारा उठाए गए कदम
UIDAI ने मृतक व्यक्तियों के आधार नंबरों की निष्क्रियता के लिए कई नई सेवाओं की शुरुआत की है, जो परिवार के सदस्य को आसान प्रक्रिया से यह रिपोर्ट करने का अवसर देती है। यह सेवा विशेष रूप से 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध है।
नए फीचर्स:
- मृतक परिवार के सदस्य द्वारा रिपोर्टिंग:
UIDAI ने “Reporting of Death of a Family Member” नामक नई सेवा शुरू की है, जिससे मृतक के परिवार का सदस्य उनके आधार को निष्क्रिय करने के लिए आवेदन कर सकता है।
- इसमें परिवार के सदस्य को अपनी पहचान प्रमाणित करनी होती है और मृतक का आधार नंबर, मृत्यु पंजीकरण संख्या, और अन्य आवश्यक डेमोग्राफिक विवरण भरने होते हैं।
- इसमें परिवार के सदस्य को अपनी पहचान प्रमाणित करनी होती है और मृतक का आधार नंबर, मृत्यु पंजीकरण संख्या, और अन्य आवश्यक डेमोग्राफिक विवरण भरने होते हैं।
दूसरे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यान्वयन:
UIDAI ने राज्य सरकारों के साथ मिलकर 100 वर्ष से अधिक उम्र के आधार धारकों की पहचान भी शुरू की है, ताकि उनका आधार नंबर भी निष्क्रिय किया जा सके।
UIDAI की प्रक्रिया में सुधार:
UIDAI अब तक लगभग 1.55 करोड़ मृत्यु रिकॉर्ड प्राप्त कर चुका है और 1.17 करोड़ आधार संख्या को निष्क्रिय कर चुका है। यह कार्य सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) के माध्यम से किया गया है, जो हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में मान्यता प्राप्त है। इसके अलावा, UIDAI ने उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए भी प्रक्रिया शुरू की है, जो CRS से जुड़े नहीं हैं, ताकि वे भी मृतक के आधार नंबर को निष्क्रिय कर सकें।
UIDAI की रिपोर्टिंग प्रक्रिया:
रिपोर्टिंग प्रक्रिया को सरल बनाना:
UIDAI की “Reporting of Death of a Family Member” सेवा को प्रयोग में लाना काफी सरल है। इसके द्वारा परिवार के सदस्य को निम्नलिखित जानकारी प्रदान करनी होगी:
- आधार नंबर
- मृत्यु पंजीकरण संख्या
- मृतक व्यक्ति के डेमोग्राफिक विवरण
मृतक आधार नंबर की निष्क्रियता:
- UIDAI द्वारा प्राप्त जानकारी के बाद, सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने पर, मृतक के आधार नंबर को निष्क्रिय किया जाएगा।
- यह सेवा 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध है। UIDAI बाकी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समन्वय कर इस प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है।
राज्य सरकारों का सहयोग:
UIDAI राज्य सरकारों के सहयोग से आधार संख्या धारकों के मृतक होने की जानकारी प्राप्त कर रहा है। 100 वर्ष से अधिक उम्र के आधार धारकों के विवरण भी राज्य सरकारों से साझा किए जा रहे हैं ताकि उनकी मृत्यु की पुष्टि की जा सके और उनका आधार नंबर निष्क्रिय किया जा सके।
मृतक आधार धारकों की पहचान में UIDAI का सहयोग:
- 6.7 लाख मृत्यु रिकॉर्ड प्राप्त किए गए हैं जो उन राज्यों से हैं जो CRS से जुड़े नहीं हैं, और उनकी निष्क्रियता प्रक्रिया भी जारी है।
- 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पहले ही मृत्यु के आधार पर 1.17 करोड़ आधार नंबर निष्क्रिय किए जा चुके हैं।
महत्वपूर्ण जानकारी सारांश में:
विवरण | जानकारी |
UIDAI द्वारा निष्क्रिय आधार संख्या | 1.17 करोड़ |
रिपोर्टिंग प्रक्रिया | “Reporting of Death of a Family Member” सेवा, 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध। |
मृत्यु के रिकॉर्ड की संख्या | 1.55 करोड़ (CRS के माध्यम से) |
मृतक आधार धारकों की पहचान प्रक्रिया | राज्य सरकारों के सहयोग से 100 साल से अधिक उम्र के आधार धारकों की पुष्टि। |
UIDAI का मृतक व्यक्तियों के आधार नंबरों को निष्क्रिय करने का कदम नागरिकों की पहचान की सुरक्षा और संभावित दुरुपयोग को रोकने के लिए एक प्रगतिशील प्रयास है। इस प्रक्रिया को “Reporting of Death of a Family Member” सेवा के माध्यम से सरल बनाया गया है, जिससे परिवारों के लिए मृतकों की रिपोर्ट करना और आधार नंबरों को निष्क्रिय कराना अधिक आसान हो गया है। राज्य सरकारों के साथ सहयोग और सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) जैसी तकनीकों का उपयोग करते हुए UIDAI आधार डाटाबेस की अखंडता बनाए रखने के लिए कठिन मेहनत कर रहा है। यह प्रयास न केवल मृतक व्यक्तियों की गोपनीयता की रक्षा करता है, बल्कि पूरे देश के लिए एक अधिक सुरक्षित और सटीक पहचान प्रणाली बनाने में भी योगदान करता है।
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Disclaimer (अस्वीकरण) :
इस लेख में दी गई जानकारी UIDAI के नवीनतम अपडेट्स पर आधारित है और इसमें बदलाव हो सकता है। जबकि सटीकता सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया गया है, पाठकों से अनुरोध है कि वे अधिकतम और सटीक जानकारी के लिए आधिकारिक UIDAI स्रोतों या myAadhaar पोर्टल पर जानकारी की पुष्टि करें। यह लेख सामान्य जानकारी प्रदान करने का उद्देश्य रखता है और इसे कानूनी या आधिकारिक सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।